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Themes

Renewable Energy

Energy that is not popularly used and is usually environmentally sound, Fuel sources that are other than those derived from fossil fuels. Examples include: wind, solar, biomass, wave and tidal energy.

Commonly known alternative energy sources:

Solar Energy

This is the energy which the earth receives from the Sun. This is one of the most promising alternative energy sources, which will be available to the mankind for centuries to come. The only challenge remains to tap the solar energy in the most efficient way. The solar power generation is done by using a series of photovoltaic cells where the solar rays are converted into electricity. Apart from electricity production solar energy is also being used for heating water, cooking food etc.

 

Wind Energy

The power of the wind is harnessed to propel the blades of wind turbine attached to an electric generator to generate wind energy. Wind energy is an effective alternative source of energy in areas where the velocity of wind flow is high.

 

Biomass Energy

This is the energy developed from the wastes of various human and animal activities like the by-products and wastes from timber industry, agricultural yields, municipal solid waste etc. Out of the many alternative sources of energy this is the one which takes into account the utilization of waste material to develop energy thereby disposing them off in a profitable and effective way.

 

Hydroelectric Energy

The potential energy stored in the water held in dams by is made to drive a water turbine and generator which in turn produces electric power. This form of energy generation is called hydroelectric power. Out of all the alternative energy sources, this one has been most commonly adopted in the current time.

 

Why use alternative energy sources?

Alternative energy sources are available free of cost and do not tax the environment for their usage. Power generation through alternative sources of energy is clean and ‘green’. If we shift to use power generated from these sources, then carbon dioxide emission from the conventional energy sources will be greatly reduced, and the problem of global warming will be solved in a few years. Also the fast depleting traditional energy sources can be preserved. Along with air pollution, the use of traditional energy resources also cause soil pollution and water pollution by releasing various toxins to the land and water. This can also be controlled reasonably. The damage that we have caused to earth after the industrial revolution is huge and we will have to take action immediately if we want to keep the planet sustainable for our future generations. The biggest leap that mankind can take to prevent further damage is to start using alternative energy sources.

 

Advantages

वैकल्पिक उर्जा स्रोतों के उपयोग के द्वारा हर घर और हर खेत, हर ग्राम उद्योग आदि के लिए एक विश्वसनीय उर्जा की उपलब्धता की व्यवस्था की जाएगीI सौर उर्जा, बायोगैस, उन्नत चूल्हे, माइक्रोहैडल, पशु एवं मानव उर्जा आदि सभी का उपयोग स्थानीय उपलब्धता के आधार पर किया जायेगाI देश में अनेक उपलब्ध संसाधन हैं जिनसे पर्याप्त उर्जा प्राप्त की जा सकती है और सभी आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती हैI सूर्य की रोशनी/धुप लगभग पुरे देश में ३६५ में से ३०० दिन तो उपलब्ध रहती ही है और सौर्य उर्जा से अनेक उपकरण चलाये जा सकते हैं वे चाहें घर में प्रकाश करने की आवश्यकता हो, खेत में फसल/उत्पाद सुखाने की आवश्यकता हो, सिंचाई के लिए जमीन/तालाब/नदी से पानी उठाने की आवश्यकता हो, ठन्डे प्रदेशों में पानी गर्म करने की आवश्यकता हो इत्यादिI देश में पशुधन पर्याप्त है उनसे मिलने वाले गोबर एवं कृषि से बचे हुए अनुपयोगी उत्पाद और घरों से भी निकले हुए कचरे से बड़ी मात्रा में बायोगैस बनाई जा सकती हैI इसको सीधे भी उपयोग कर सकते हैं या फिर स्वच्छ करके सिलिंडर में भरके, कोई भी वाहन आदि चलाया जा सकता हैI इस तरह से बनने वाली गैस वे सभी काम कर सकती है जो एल.पी.जी. या सी.एन.जी. कर सकती हैंI इस तरह से गाँव में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग को कम से कम किया जा सकता हैI देश में १२००००० करोड़ रुपये प्रति वर्ष जो पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर खर्च होते हैं उसमे भारी कमी आयेगीI इससे ना केवल देश को आर्थिक लाभ होगा बल्कि विदेशी मुद्रा की आवश्यकता कम हो जाएगी और देश की सुरक्षा की दृष्टि से बड़ा लाभ होगाI खाना बनाने के लिए जिन चूल्हों और इंधन का उपयोग गांवों में होता है उनकी गुणवत्ता बहुत ही कम होने के कारण लकड़ी आदि की बड़ी बर्बादी होती है, समय की बर्बादी होती हैI बच्चो एवं महिलाएं जो चूल्हे के आसपास रहते हैं उनके स्वास्थ्य पर चूल्हे से निकलने वाले प्रदूषको से भयानक हानि होती है एवं वातावरण पर भी एक बड़ा दुस्प्रभाव पड़ता हैI अपने ही देश में अब ऐसे विश्वस्तरीय चूल्हों का विकास हो गया है जो गाँव में उपलब्ध इंधन को ही आधे से ज्यादा बचाते हुए और प्रदूषकों को लगभग ख़त्म करते हुए कम समय में ही खाना बनाने का काम पूरा क्र सकते हैंI ऐसे चूल्हों का भी विकास हो चूका है जो ना केवल इंधन बचाते हुए, समय बचाते हुए, प्रदूषण कम करते हुए खाना बना सकते हैं अपितु साथ में विद्युत् उत्पादन भी कर सकते हैं जिससे पंखा चल सकता है, बल्ब भी जल सकता है और मोबाइल भी चार्ज किया जा सकता हैI देश में अनेक छोटे बड़े नदी, नाले, नहरें आदि हैं उन सब का उपयोग भी पनचक्की लगाकर अनेक कार्य किये जा सकते हैं, गाँव के उद्योग चलाये जा सकते हैं, आटाचक्की, तेलघानी, चारा काटना, अनाज निकालना आदिI विद्युत् पैदा की जा सकती है, घरों में बल्ब, पंखे एवं कुटीर उद्योग चलाये जा सकते हैंI देश में लगभग ७ करोड़ बैल एवं इतने ही और अन्य पशु हैं जिनकी ऊर्जा का उपयोग यातायात, कृषि सिंचाई एवं ग्रामोद्योग चलाने के लिए किया जा सकता हैI अनेक ऐसे शोध हो चुके हैं जिनसे पशु शक्ति के उपयोग से ट्युबबेल चलाये जा सकते हैं और काफी गहराई से पानी उठाया जा सकता है, थ्रेशर चलाये जा सकते हैं, आटाचक्की, चारा काटना एवं विद्युत् तक बनाई जा सकती हैI ऐसे छोटे ट्रेक्टर भी बन गये हैं जो पशु उर्जा से चल सकते हैं और हल की अपेक्षा कई गुना काम बड़ी सुविधा पूर्वक कर सकते हैंI अनेक ऐसे उपकरण भी बन गये है जो मनुष्य शक्ति से ही चलाये जा सकते हैं और तालाब आदि से पानी उठाकर खेतों में सिंचाई का भी काम कर सकते हैंI

 

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Subject Expert Institute Co-ordinator Contact
Rural Energy Systems IIT, Delhi Dr. Ram Chandra rchandra@rdat.iitd.ac.in
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